पालनहार योजना 2024: राजस्थान के अनाथ बच्चों के लिए आर्थिक सहायता और देखभाल योजना

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राजस्थान सरकार की Palanhar Yojana एक बेहद महत्वपूर्ण और जनकल्याणकारी योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य के अनाथ बच्चों और कमजोर वर्ग के बच्चों को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत अनाथ या विशेष स्थिति में जी रहे बच्चों को अनाथालय में न भेजकर उनके परिवार के करीबी रिश्तेदार या परिचितों के माध्यम से उनके पालन-पोषण की व्यवस्था की जाती है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि बच्चों को पारिवारिक माहौल में रहने का अवसर देती है, जो उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है।

कहावत के अनुसार, “संस्कार ही एक बीज को वटवृक्ष बनाते हैं।” इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि बच्चों को केवल वित्तीय सहायता नहीं मिले, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और पोषित वातावरण भी मिले।

योजना का नामपालनहार योजना
लाभार्थीअनाथ बच्चे, HIV/AIDS पीड़ित माता-पिता के बच्चे, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्त महिलाएं
आर्थिक सहायता0-6 वर्ष के लिए ₹500-₹1500 प्रति माह
6-18 वर्ष के लिए ₹1000-₹2500 प्रति माह
योग्यताराजस्थान के निवासी, बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम, परिवार की वार्षिक आय ₹1.20 लाख से कम
दस्तावेज़जन-आधार कार्ड, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र
आवेदन प्रक्रियाe-Mitra पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन

पालनहार योजना का उद्देश्य

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य राज्य के अनाथ और कमजोर वर्ग के बच्चों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसमें बच्चों को अनाथालयों में नहीं भेजा जाता, बल्कि उनके करीबी रिश्तेदारों या परिचितों के साथ उन्हें रहकर शिक्षा, भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

मुख्य उद्देश्य:

  1. बच्चों को परिवार के माहौल में रहने का अवसर।
  2. बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  3. उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रोत्साहित करना।
  4. समाज के कमजोर वर्गों के बच्चों को समान अवसर देना।

योजना की विशेषताएँ

1. मासिक वित्तीय सहायता:

इस योजना के अंतर्गत बच्चों की आयु के आधार पर उन्हें मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है:

  • अनाथ बच्चों के लिए:
    • 0 से 6 वर्ष: ₹1500 प्रति माह।
    • 6 से 18 वर्ष: ₹2500 प्रति माह।
  • अन्य श्रेणी के बच्चों के लिए:
    • 0 से 6 वर्ष: ₹500 प्रति माह।
    • 6 से 18 वर्ष: ₹1000 प्रति माह।

इसके अलावा, बच्चों की किताबें, ड्रेस, स्टेशनरी और अन्य जरूरी वस्तुओं के लिए सालाना ₹2000 अतिरिक्त प्रदान किए जाते हैं।

2. पारिवारिक माहौल में देखभाल:

इस योजना की सबसे खास बात यह है कि बच्चों को अनाथालयों में नहीं रखा जाता, बल्कि उनके करीबी रिश्तेदारों या परिचितों द्वारा उनकी देखभाल की जाती है। यह उन्हें पारिवारिक स्नेह और संस्कार प्राप्त करने का अवसर देता है, जो उनके समग्र विकास में मददगार साबित होता है।

पात्रता की शर्तें

इस योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चे निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं:

  1. अनाथ बच्चे।
  2. मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा प्राप्त माता-पिता के बच्चे।
  3. विधवा मां के पेंशन प्राप्त बच्चे (अधिकतम 3 बच्चे)।
  4. पुनर्विवाहित विधवा मां के बच्चे।
  5. HIV/AIDS प्रभावित माता-पिता के बच्चे।
  6. कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे।
  7. दिव्यांग माता-पिता के बच्चे।
  8. तलाकशुदा या परित्यक्त महिलाओं के बच्चे।
  9. सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे।

इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। अगर बच्चा 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा हो और उसकी आयु 18 वर्ष से ज्यादा हो जाए, तो उसे एक साल का अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा।

पात्रता और विशेष शर्तें

पालनहार योजना के अंतर्गत कुछ खास पात्रता शर्तें लागू की गई हैं, ताकि केवल योग्य और जरूरतमंद बच्चों को इसका लाभ मिल सके। योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:

  1. आयु सीमा: योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। यदि बच्चा 12वीं कक्षा में अध्ययनरत है और उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो गई है, तो उसे 19 वर्ष की आयु तक अतिरिक्त लाभ दिया जा सकता है, लेकिन 12वीं कक्षा के बाद या 19 वर्ष की आयु के बाद यह लाभ समाप्त हो जाता है।
  2. अनाथ बच्चों के लिए: जिन बच्चों के माता-पिता का निधन हो चुका है, उन्हें इस योजना का प्राथमिक लाभ मिलता है।
  3. सजा प्राप्त माता-पिता के बच्चे: जिन बच्चों के माता-पिता को न्यायिक आदेश के तहत मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा मिली हो, वे भी इस योजना के तहत पात्र होते हैं।
  4. पेंशन प्राप्त विधवा मां के बच्चे: जिन बच्चों की मां विधवा हैं और पेंशन प्राप्त कर रही हैं, वे भी योजना के अंतर्गत आते हैं। हालांकि, एक समय में तीन से अधिक बच्चों को यह लाभ नहीं दिया जाएगा।
  5. पुनर्विवाहित विधवा मां के बच्चे: यदि किसी विधवा मां का पुनर्विवाह हो गया है, तब भी उसके बच्चों को इस योजना का लाभ मिल सकता है।
  6. HIV/AIDS प्रभावित माता-पिता के बच्चे: जिन माता-पिता को HIV/AIDS है, उनके बच्चों को भी Palanhar Yojana का लाभ मिलता है।
  7. कुष्ठ रोग और सिलिकोसिस से पीड़ित माता-पिता के बच्चे: जिन माता-पिता को कुष्ठ रोग या सिलिकोसिस है, उनके बच्चों के लिए भी यह योजना बहुत महत्वपूर्ण साबित होती है।
  8. दिव्यांग और परित्यक्त महिलाओं के बच्चे: दिव्यांग माता-पिता के बच्चे और तलाकशुदा या परित्यक्त महिलाओं के बच्चों को भी योजना का लाभ दिया जाता है।
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आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन:

इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल है और इसे आसानी से ई-मित्र केंद्रों के माध्यम से किया जा सकता है। यहां ऑनलाइन आवेदन की विस्तृत प्रक्रिया दी गई है:

  1. e-Mitra पोर्टल पर लॉगिन: आवेदक को पहले e-Mitra पोर्टल पर जाकर लॉगिन करना होगा। यदि आप नए उपयोगकर्ता हैं, तो आपको पहले अपना पंजीकरण करना होगा।
  2. SSO ID का उपयोग: मौजूदा उपयोगकर्ता अपनी SSO ID के माध्यम से लॉगिन कर सकते हैं। यदि आपके पास SSO ID नहीं है, तो आप अपनी जन-आधार या आधार कार्ड की मदद से नया पंजीकरण कर सकते हैं।
  3. आवेदन पत्र भरें: लॉगिन करने के बाद, आपको आवेदन पत्र भरना होगा, जिसमें सभी आवश्यक जानकारियाँ जैसे कि बच्चे का नाम, अभिभावक की जानकारी, और आयु आदि शामिल होंगी।
  4. दस्तावेज़ संलग्न करें: आवेदन पत्र के साथ जरूरी दस्तावेज़ों की प्रतिलिपि संलग्न करनी होगी, जैसे कि जन आधार कार्ड, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र आदि।
  5. आवेदन जमा करें: आवेदन पत्र और दस्तावेज़ संलग्न करने के बाद, आपको इसे ऑनलाइन जमा करना होगा। जमा करने के बाद आपको एक आवेदन संख्या प्राप्त होगी, जिसे भविष्य में आवेदन की स्थिति की जांच के लिए उपयोग किया जा सकता है।

आवश्यक दस्तावेज़

आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निम्नलिखित palanhar yojana documents की आवश्यकता होती है:

  1. जन-आधार या भामाशाह कार्ड की कॉपी।
  2. आधार कार्ड की कॉपी।
  3. शिक्षा योग्यता की मार्कशीट या प्रमाण पत्र।
  4. जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)।

Palanhar yojana status check कैसे करे ?

यदि आपने पालनहार योजना के तहत आवेदन किया है और उसकी Palanhar yojana status check करना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:

  1. ऑनलाइन स्टेटस चेक: आवेदन की स्थिति जांचने के लिए, आप e-Mitra पोर्टल पर जाकर अपने SSO ID या आवेदन संख्या के माध्यम से लॉगिन कर सकते हैं।
  2. स्टेटस चेक पेज: लॉगिन के बाद, आपको “आवेदन की स्थिति” वाले पेज पर जाकर अपनी आवेदन संख्या दर्ज करनी होगी।
  3. परिणाम देखें: आवेदन संख्या दर्ज करने के बाद, आपको अपने आवेदन की वर्तमान स्थिति जैसे कि स्वीकृति, अस्वीकृति या लंबित स्थिति की जानकारी मिल जाएगी।

Palanhar Yojana का सामाजिक प्रभाव

पालनहार योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि इससे समाज के कमजोर और अनाथ बच्चों को एक बेहतर जीवन जीने का अवसर भी मिलता है। इस योजना के माध्यम से बच्चों को एक पारिवारिक माहौल में पालन-पोषण का अवसर मिलता है, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर ढंग से हो पाता है।

इसके अलावा, यह योजना समाज में अनाथालयों की जरूरत को भी कम करती है, क्योंकि बच्चों को उनके करीबी रिश्तेदारों या परिचितों के साथ रखने की सुविधा दी जाती है। यह न केवल बच्चों के लिए फायदेमंद है, बल्कि परिवार और समाज को भी सशक्त बनाता है।

निष्कर्ष

Palanhar Yojana राजस्थान सरकार की एक सराहनीय पहल है, जो न केवल अनाथ बच्चों की आर्थिक सहायता करती है, बल्कि उन्हें पारिवारिक माहौल में रहकर विकास करने का अवसर भी प्रदान करती है। इस योजना से जुड़े लाभ, पात्रता, और आवेदन प्रक्रिया को समझकर योग्य व्यक्ति इसका आसानी से लाभ उठा सकते हैं।

यह योजना उन बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें पारिवारिक स्नेह और आर्थिक सुरक्षा की आवश्यकता है। समाज में ऐसी योजनाओं का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करती है, बल्कि उन्हें एक बेहतर और खुशहाल जीवन जीने का मौका भी देती है।

FAQs for Palanhar Yojana

इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?

इस योजना का लाभ वे बच्चे उठा सकते हैं जो अनाथ हैं, जिनके माता-पिता को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा मिली है, जिनकी मां विधवा है और पेंशन प्राप्त कर रही है, HIV/AIDS प्रभावित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग या सिलिकोसिस से पीड़ित माता-पिता के बच्चे, और अन्य विशेष परिस्थितियों में आने वाले बच्चे।

पालनहार योजना के तहत कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?

योजना के तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों को प्रति माह ₹500 और 6 से 18 वर्ष के बच्चों को ₹1,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। अनाथ बच्चों के लिए 0 से 6 वर्ष के लिए ₹1500 और 6 से 18 वर्ष के लिए ₹2500 प्रति माह की सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, बच्चों की शैक्षिक जरूरतों के लिए प्रति वर्ष ₹2000 का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाता है।

पालनहार योजना के लिए पात्रता शर्तें क्या हैं?

पालनहार योजना के लिए पात्रता शर्तें हैं कि बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए, अभिभावक राजस्थान का निवासी हो या पिछले 3 वर्षों से राजस्थान में रह रहा हो, और परिवार की वार्षिक आय ₹1.20 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

पालनहार योजना के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है?

इस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन माध्यम से e-Mitra पोर्टल के जरिए किया जा सकता है। आवेदन के लिए आवेदक को अपनी SSO ID या जन-आधार कार्ड का उपयोग करना होता है। आवेदन पत्र भरने के बाद, जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करके आवेदन जमा किया जाता है।

पालनहार योजना के लिए कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?

आवेदन करने के लिए जन-आधार या भामाशाह कार्ड, आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र, और जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

मैं अपने आवेदन की स्थिति कैसे जांच सकता हूँ?

अपने आवेदन की स्थिति जानने के लिए आप e-Mitra पोर्टल पर जाकर अपनी SSO ID या आवेदन संख्या का उपयोग कर सकते हैं। “आवेदन की स्थिति” पेज पर जाकर आप अपने आवेदन की वर्तमान स्थिति देख सकते हैं।

क्या विधवा मां के पुनर्विवाह के बाद भी इस योजना का लाभ मिलता है?

हां, विधवा मां के पुनर्विवाह के बाद भी इस योजना का लाभ बच्चों को मिल सकता है, बशर्ते कि अन्य पात्रता शर्तें पूरी होती हों।

यदि बच्चा 18 वर्ष की उम्र के बाद पढ़ाई कर रहा है तो क्या उसे योजना का लाभ मिलेगा?

हां, यदि बच्चा 12वीं कक्षा में अध्ययनरत है और उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो गई है, तो उसे 19 वर्ष की आयु तक योजना का लाभ मिल सकता है, लेकिन इसके बाद यह लाभ समाप्त हो जाएगा।

क्या एक समय में एक परिवार में तीन से अधिक बच्चे इस योजना का लाभ ले सकते हैं?

नहीं, एक समय में अधिकतम तीन बच्चों को ही पालनहार योजना का लाभ दिया जा सकता है, चाहे वे किसी भी श्रेणी में आते हों।

क्या पालनहार योजना का लाभ केवल राजस्थान के निवासियों को ही मिलता है?

हां, पालनहार योजना का लाभ केवल राजस्थान के निवासियों को मिलता है। यदि अभिभावक राजस्थान का निवासी नहीं है, तो उसे कम से कम तीन साल से राज्य में निवास कर रहे होने का प्रमाण देना होगा।

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